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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला :- 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में एक भीषण आतंकी हमला हुआ, जिसमें 28 लोगों की जान चली गई और 20 से अधिक घायल हो गए। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे घातक हमला माना जा रहा है।​

हमले का विवरण

हमला दोपहर लगभग 2:50 बजे हुआ, जब चार से छह आतंकियों ने सेना की वर्दी पहनकर पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। हमले के दौरान आतंकियों ने कुछ पर्यटकों से उनकी धार्मिक पहचान पूछी और उन्हें इस्लामी आयतें पढ़ने को कहा। जो ऐसा नहीं कर सके, उन्हें गोली मार दी गई। इस हमले में महाराष्ट्र, कर्नाटक, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, तमिलनाडु, नेपाल और यूएई के नागरिकों की मौत हुई। एक नवविवाहित नौसेना अधिकारी, लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, भी मारे गए।

जिम्मेदारी और जांच

“द रेजिस्टेंस फ्रंट” नामक संगठन ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी  हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसे पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा माना जाता है। भारत सरकार ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का हाथ बताया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और सेना ने इलाके में व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया है। सुरक्षा एजेंसियों ने तीन आतंकियों के स्केच जारी किए हैं, जिनमें से दो विदेशी बताए जा रहे हैं। संदिग्ध मास्टरमाइंड सैफुल्ला कसूरी उर्फ खालिद को लश्कर-ए-तैयबा का वरिष्ठ कमांडर माना जा रहा है।

सरकार की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हमले के बाद अपनी सऊदी अरब यात्रा बीच में ही छोड़कर दिल्ली लौटे और उच्च स्तरीय बैठकें कीं। गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर पहुंचकर पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की और दोषियों को सख्त सजा देने का आश्वासन दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अपनी विदेश यात्रा रद्द कर दी।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, रूस, नेपाल और न्यूजीलैंड सहित कई देशों ने इस हमले ( जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला) की निंदा की है और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है।

यह हमला न केवल जम्मू-कश्मीर में शांति प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि देशभर में सुरक्षा चिंताओं को भी बढ़ा रहा है। सरकार ने आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकल्प लिया है।​

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