You are currently viewing ‘Sleeping Prince’ Alwaleed Bin Khaled Dies After 20 Years of Silence

‘Sleeping Prince’ Alwaleed Bin Khaled Dies After 20 Years of Silence

सऊदी अरब में एक बेहद भावुक अध्याय का अंत हो गया है। शहज़ादा अलवलीद बिन खालिद (Alwaleed Bin Khaled  Al Saud ), जिन्हें दुनियाभर में ‘सोता हुआ शहज़ादा’ कहा जाता था, का निधन हो गया है। वे पिछले बीस वर्षों से कोमा में थे। उनके निधन के साथ ही एक ऐसी कहानी समाप्त हो गई, जो असीम दुख और अथाह प्रेम की मिसाल बनी रही।

एक हादसा जिसने सब कुछ बदल दिया

साल 2005 में, महज़ 18 साल की उम्र में, शहज़ादा Alwaleed Bin Khaled एक भीषण सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए। वे उस समय एक सैन्य अकादमी में पढ़ाई कर रहे थे और उनका भविष्य बेहद उज्ज्वल माना जा रहा था। लेकिन उस दुर्घटना ने उनकी जिंदगी को एक झटके में बदल दिया। गंभीर सिर की चोट के कारण वे कोमा में चले गए और फिर कभी सामान्य जीवन में नहीं लौट सके।

उनके पिता प्रिंस खालिद बिन तलाल (Prince Khaled bin Talal Al Saud) ने उन्हें ज़िंदगी में बनाए रखने का निर्णय लिया, उम्मीद की किरण को पकड़े रखा कि एक दिन उनका बेटा होश में लौटेगा।

बीस वर्षों की उम्मीद और संघर्ष

लगातार 19 साल तक उनका परिवार उनकी सेवा करता रहा। कई बार उनकी मां के वीडियो वायरल होते थे, जिसमें वे उनके सिरहाने कुरान पढ़ती दिखतीं या उनसे बात करतीं। दुनिया तेज़ी से बदलती रही, लेकिन इस परिवार का विश्वास अडिग रहा।

कभी-कभी हल्के संकेत मिलते थे—कोई ऊँगली हिलती थी या पलकों में हरकत होती थी। इन छोटी-छोटी खबरों पर सोशल मीडिया पर लोग दुआएं करने लगते थे। उनकी देखभाल किसी साधारण इलाज से कहीं ज्यादा, एक ममता और आस्था का प्रतीक बन गई थी।

Alwaleed Bin Khaled
Click here for English Blog

एक खबर जिसने पूरे देश को झकझोर दिया

21 जुलाई, 2025 को उनके निधन की आधिकारिक खबर सामने आई। उनके पिता ने सोशल मीडिया पर भावुक शब्दों में लिखा:

“इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन। मेरा बेटा अलवलीद बीस साल की दुआओं और सब्र के बाद अब अल्लाह की रहमत में है।”

सऊदी राजपरिवार, सरकारी हस्तियों और आम जनता ने इस दुखद क्षण पर शोक प्रकट किया।

‘सोते हुए शहज़ादे’ की विरासत

हालांकि शहज़ादा अलवलीद (Prince Alwaleed Bin Khaled) अपनी ज़िन्दगी के सपने पूरे नहीं कर सके, लेकिन उनकी कहानी ने करोड़ों लोगों को झकझोर दिया। यह कहानी बन गई अटूट माता-पिता के प्रेम की, विश्वास की, और जीवन-मृत्यु की जटिलता की।

उनकी हालत ने दुनिया को यह सोचने पर मजबूर किया कि आस्था कितनी ताकतवर होती है। साथ ही इसने दुनिया भर में ब्रेन इंजरी और लाइफ सपोर्ट सिस्टम को लेकर संवेदनशील बहसों को जन्म दिया।

विदाई जिसने लाखों दिलों को छू लिया

उनके जनाज़े में राजपरिवार, शाही मेहमानों और आम जनता का हुजूम उमड़ पड़ा। सोशल मीडिया पर लोग लिखते रहे:

  • “आपकी कहानी ने हमें सब्र सिखाया।”

  • “आपकी मां की दुआएं अमर रहेंगी।”

  • “सोते रह गए पर दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे।”

मौन में भी उन्होंने बहुत कुछ कह दिया

शहज़ादा अलवलीद बिन खालिद (Prince Alwaleed Bin Khaled) का जीवन एक मिसाल बन गया—जहाँ उम्मीद कभी थकी नहीं, जहाँ माता-पिता का प्रेम कभी टूटा नहीं। वे शायद 20 साल कुछ बोल नहीं सके, लेकिन उनकी खामोशी ने पूरी दुनिया को बहुत कुछ सिखा दिया।

उनकी कहानी अब इतिहास में दर्ज हो चुकी है—एक ऐसे शहज़ादे की दास्तान, जो सोते हुए भी करोड़ों दिलों में जिंदा रहा।

Leave a Reply