RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा का बड़ा खुलासा
देश के दूसरे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक ICICI Bank ने मिनिमम बैलेंस की लिमिट कई गुना बढ़ा दी है, जिसके बाद बहस तेज हो गई है। कई लोगों का मानना है कि बैंक अब गरीब ग्राहकों के लिए नहीं रह गया है। इस मुद्दे पर RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा की भी प्रतिक्रिया सामने आई है।
नई दिल्ली: ICICI Bank ने मिनिमम बैलेंस की लिमिट पांच गुना बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी है। माना जा रहा है कि बैंक की नजर अमीर ग्राहकों पर है और वह गरीब ग्राहकों से दूरी बना रहा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए RBI गवर्नर ने कहा—
“किस बैंक को कितना मिनिमम बैलेंस चाहिए, यह फैसला बैंकों पर छोड़ा गया है। यह RBI के रेगुलेटरी दायरे में नहीं आता।”
उन्होंने बताया कि अलग-अलग बैंकों में यह लिमिट 2,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक है, जबकि कुछ बैंकों ने इसे पूरी तरह खत्म भी कर दिया है।
ICICI Bank नए नियम क्या कहते हैं?
शहरों में: मिनिमम बैलेंस ₹50,000 (पहले ₹10,000)
छोटे शहरों में: ₹25,000 (पहले ₹5,000)
गांवों में: ₹10,000 (पहले ₹2,500)
हालांकि, बेसिक सेविंग्स अकाउंट और सैलरी अकाउंट में मिनिमम बैलेंस की कोई शर्त नहीं होगी। बैंक का दावा है कि इससे ऑपरेटिंग कॉस्ट घटेगा और कई पुराने चार्ज खत्म कर दिए जाएंगे।
ICICI Bank का मिनिमम बैलेंस देश में सबसे ज्यादा है। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने साल 2020 में मिनिमम बैलेंस का रूल खत्म कर दिया था। ज्यादातर बैंक मिनिमम बैलेंस इसलिए रखते हैं ताकि वे अपना कामकाज और इन्वेस्टमेंट ठीक से कर सकें। अगर किसी ग्राहक का बैलेंस मिनिमम बैलेंस से कम हो जाता है, तो बैंक उस पर पेनल्टी लगता है। बैंकों में मिनिमम बैलेंस आमतौर पर ₹2000 से ₹10,000 के बीच ही होता है। मसलन देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी बैंक में मिनिमम बैलेंस शहरों में ₹10,000, छोटे शहरों में ₹5,000 और गांवों में ₹2500 है।